दिल्ली सरकार ने मास्क और हैंड सैनिटाइजर को आवश्यक वस्तु घोषित कर दिया है। दिल्ली सचिवालय में कोरोना वायरस को लेकर हुई उच्च स्तरीय बैठक में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन ने आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के प्रावधानों के तहत मास्क और हैंड सैनिटाइजर को आवश्यक वस्तु घोषित किया। उन्होंने खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग, भार व माप विभाग की टीमों को नियमित रूप से केमिस्ट, फार्मासिस्ट, ड्रग मैन्यूफैक्चरर्स आदि की निगरानी करने का निर्देश भी दिया, इनकी उपलब्धता आसान बनी रहे। साथ ही, सुनिश्चित किया जा सके कि मास्क और सैनिटाइजर अच्छी गुणवत्ता वाले उपलब्ध हों। इन आवश्यक वस्तुओं को कोई दुकानदार अतिरिक्त शुल्क लेकर न बेच सके। साथ ही, टीमें यह जांच भी करती रहें कि कोई डीलर इन आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी नहीं करे और मास्क व सैनिटाइजर की कालाबाजारी नहीं हो। जमाखोरों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
बैठक के दौरान महामारी रोग अधिनियम-1897 के तहत जिला मजिस्ट्रेट और एसडीएम को अधिकृत व्यक्ति घोषित किया गया है। जिला मजिस्ट्रेट जिला आपदा प्रबंधन समिति के प्रमुख होते हैं। उन्हें इस बीमारी की रोकथाम के उपायों के बारे में योजना बनाने के लिए अधिकृत किया गया है। बैठक में निर्णय लिया गया कि मास्क की गुणवत्ता, वितरण की बेहतर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के विभाग के अधिकारियों के बीच बेहतर तालमेल रखा जाएगा। साथ ही, रोजमर्रा की जरूरी वस्तुओं की दुकानों पर कीमत उचित बनी रहे, इसके लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिए गए।